PMUSHA के तहत आयोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन, शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में दिनांक 10 सितम्बर 2025 को “मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती मनीषा मेश्राम, सफल उद्यमी ,डोंगरगढ़, को मास्टर ट्रेनर के रुप में आमंत्रित किया गया।
उन्होंने छात्राओं को ऑयस्टर मशरूम उत्पादन की संपूर्ण प्रक्रिया के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने उत्पादन में प्रयुक्त सामग्रियों, रख-रखाव की विधियों, आवश्यक सावधानियों तथा इससे संभावित आय के स्रोतों पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने व्यावहारिक प्रदर्शन के माध्यम से छात्राओं को मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया से परिचित कराया।
प्रक्रिया का विवेचन करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑयस्टर मशरूम उत्पादन के लिए गेहूँ का भूसा अथवा धान की कुट्टी को पानी में भिगोकर अथवा उबालकर पाश्चुरीकृत किया जाता है। तत्पश्चात इसे ठंडा कर नमी की मात्रा लगभग 50–60 प्रतिशत तक रखने के बाद इसमें ‘मशरूम स्पॉन’ (बीज) मिलाया जाता है। इस मिश्रण को छोटे पॉलीथिन बैगों में भरकर नियंत्रित वातावरण (20–30°C तापमान) में 15–20 दिनों तक रखा जाता है। जब बैग में सफेद फफूंद (माइसीलियम) का विकास दिखाई देने लगे, तब पॉलिथीन हटाकर सतह पर नियमित जल छिड़काव किया जाता है। इसके पश्चात 2–3 दिनों में मशरूम का विकास प्रारंभ हो जाता है, जिन्हें परिपक्व होने पर तुड़ाई के लिए तैयार किया जा सकता है।
प्रशिक्षण सत्र में छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता प्रदर्शित की। व्याख्यान के अंत में श्रीमती मेश्राम ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। सीमित संसाधनों में भी व्यक्ति अपने परिश्रम और कौशल से बेहतर अवसर प्राप्त कर सकता है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता आज के समाज की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। आत्मनिर्भर होकर ही महिलाएँ समाज में सम्मानजनक स्थान अर्जित कर सशक्त बन सकती हैं।
अंत में आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।