शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय के  तत्वाधान में पीएम उषा के तहत "लिंग समावेशन और समानता पहल" विषय के अंतर्गत लैंगिक संवेदनशीलता पर दिनांक 20- 8-2025 से 29- 8 -2025 तक सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर इस कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. ए. एन. माखीजा, कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापक पुण्यप्रदा सिंह (अंग्रेजी विभाग) ने किया और कहा कि लैंगिक संवेदनशीलता महिला को पुरुष के विरुद्ध सोच पैदा करने में नहीं अपितु शिक्षा में जागरूकता पैदा कर समता और समरसता विकसित करनें में है।
 कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर निर्मला उमरे ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा समाज आज भी आजादी के बाद लैंगिक उत्पीड़न की समस्या से ग्रसित है, इस समस्या का समाधान अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए समाज को संवेदनशील  होकर सोचने की आवश्यकता है। हमें एक ऐसे वातावरण का सृजन करना है जहां लड़कियां स्वतंत्रता और सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके लिए हमें आत्मनिर्भर और दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत है।
 इसके पश्चात कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती रश्मि सिंह (जिला परियोजना अधिकारी जिला साक्षरता मिशन) राजनांदगांव छत्तीसगढ़,ने छात्रों को 'लैंगिक संवेदनशीलता में शिक्षा की भूमिका पर' सम्बोधित करते हुए कहा कि जेंडर शब्द समाज की ही देन है। जितनी स्वतंत्रता लड़कों को है उतनी स्वतंत्रता आज लड़कियों को नहीं है। दोनों में भेदभाव किया जाता है दोनों में सहभागिता का होना नितांत आवश्यक है। लैंगिक संवेदनशीलता का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे का सम्मान करना, उनके प्रति समान व्यवहार करना जिससे लैंगिक रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों को चुनौती मिलती है और एक निष्पक्ष एवं समान समाज का निर्माण होता है। इसमें शिक्षा के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना, अपने विचारों और विश्वासों पर सवाल उठाना,लैंगिक समानता को बढ़ावा देना। उदाहरण देते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि बच्चों के जीवन में लैंगिक संवेदनशीलता को शामिल करना चाहिए ताकि वे एक दूसरे का बेहतर समर्थन कर सके और अनुचित व्यवहार के विरुद्ध खड़े हो सकें।इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विभिन्न जानकारी भी छात्राओं को प्रदान की गई। पीटी उषा, साक्षी मलिक का उदाहरण देकर छात्रों को आत्मनिर्भर बनने के लिए  प्रेरित भी किया। इस तरह से लैंगिक भेदभाव को नियंत्रित करने के लिए शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को लैंगिक संवेदनशीलता के बारे में जागरूक करने के भागीरथी प्रयास करने को कहा गया। इस कार्यक्रम में सभी प्राध्यापकगण उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन और छात्राओं के स्वल्पाहार के पश्चात कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की गई।

A Seven Day Workshop
Date: 20-08-2025
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